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July 27, 2024 7:56 am

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मां सुमित्रा रसोई ने दूसरे वर्ष में 1.58 लाख को भोजन सेवा देकर हासिल की गौरवपूर्ण उपलब्धि

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हाथरस-11 अप्रैल। हर तबके का उत्थान जरूरी है, हर गरीब का सम्मान जरूरी है, भगवान होना तो दूर की बात है, बनना इंसान को इंसान बनना जरूरी है की लाइने शहर के गौशाला रोड पर संचालित हो रही माँ सुमित्रा रसोई एंव लाला कपूरचंद अग्रवाल जल सेवा का सफलतम 2 वर्ष पूर्ण होने पर सटीक बैठती हैं। मां सुमित्रा रसोई ने अपने 2 साल के इस सफर में अब तक करीब एक लाख 58 हजार गरीब, निर्धन, असहाय, जरूरतमंद लोगों को भोजन प्रसादी देने का ऐतिहासिक मुकाम पाकर इतिहास रच दिया है और समाज सेवा के क्षेत्र में गौरव पूर्ण स्थान हासिल कर लिया है। जिसकी जितनी सराहना की जाए उतनी कम है और मां सुमित्रा रसोई 13 अप्रैल को अपने सफर का दूसरा ऐतिहासिक पड़ाव पूरा कर रही है और यह पड़ाव शहर के लिए बहुत ही गौरवान्वित करने वाला पल होगा।

शहर के गौशाला रोड पर गरीब, असहाय, निर्धन व जरूरतमंद लोगों के लिए संचालित रसोई की नींव 14 सितम्बर 2021 को 5 बुजुर्ग माताओं द्वारा विधिवत् रखी गई थी और उन्हीं के आशीर्वाद से उक्त कार्य, फलीभूत हुआ और मां सुमित्रा रसोई का शुभारंभ 13 अप्रैल 2022 को शहर के प्रमुख समाजसेवी एवं गौशाला रोड स्थित संत कृपाल आश्रम के मुख्य प्रबंधक निरंजन लाल अग्रवाल डब्बू द्वारा शुरू किया गया था और इस रसोई का नाम उन्होंने अपनी स्वर्गीय माताजी श्रीमती सुमित्रा देवी जी के नाम पर तथा प्याऊ का नाम अपने पिताजी स्वर्गीय श्री कपूरचंद अग्रवाल के नाम पर है। उन दोनों का पूरा जीवन हमेशा सामाजिक कार्यों के लिए समर्पित रहा।

मां सुमित्रा रसोई के संचालक एवं प्रमुख समाजसेवी निरंजन लाल अग्रवाल डब्बू ने मां सुमित्रा रसोई के इस ऐतिहासिक उपलब्धि भरे 2 वर्ष के पहले सफर के बारे में बताते हुए बताया कि उनकी माताजी हमेशा कहती थीं कि बेटा प्रयास करो कि अगर कोई तुम्हारे पास कुछ मांगने आए और अगर तुम पर वो चीज है तो तुम उसको जरूर दो। वो कहती थीं कि हमारे गुरु जी ने भी कहा है कि देने से चीज बढ़ती है। कभी कम नहीं होती। कभी कबार ऐसा भी होता था कि कोई मांगने वाला किसी ऐसे समय पर आ जाता था जब घर में खाना पीना सब खा पी चुके होते थे। सब खाना-पीना खत्म हो चुका होता था। सब बर्तन साफ हो चुके होते थे। लेकिन वो कहती थी कि नहीं बेटा तुम रुको मैं दो रोटी अभी सेंककर लाती हूं। तुम यहां से भूखे पेट लौट कर मत जाना।


वहीं प्रमुख समाजसेवी स्वर्गीय लाला कपूर चंद्र भी अपने सुपुत्र निरंजन लाल अग्रवाल (डब्बू भाई) से यही कहते थे कि बेटा जीवन में प्रयास करना कि कुछ ऐसे कार्य करना जो कि अपने गुरु के लिए भी करना और इस समाज के लिए भी जरूर करना तो उनके दिए हुए संस्कार और आशीर्वाद से इस प्रकार के कार्य करने लगे कि सन 1999 में संत कृपाल आश्रम की नींव सदगुरु परम संत राजेंद्र सिंह जी महाराज द्वारा रखी गई तथा सन 2003 में महाराज जी के ही कर कमलों द्वारा उसका उद्घाटन भी किया गया और आज कृपाल आश्रम में प्रत्येक रविवार को सत्संग, प्रतिदिन-ध्यान अभ्यास की कार्यशाला तथा समय-समय पर सभी त्यौहार, सभी गुरुओं का जन्मदिन, निशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र, निशुल्क सिलाई सेंटर, लंगर कार्यक्रम आदि कार्य चलते रहते हैं।
उसके बाद हमेशा डब्बू जी के मन में भावना रहती थी कि हमारे माता-पिता के नाम से भी कोई समाज सेवा का कार्य होना चाहिए। फिर अभी हम लोगों के जीवन में कोरोना का समय आया और उस समय देखा कि लोगों की नौकरियां छूट गई, लोगों के काम छूट गए और बहुत से लोग खाने पानी तक के लिए मोहताज होने लगे। तब उनके मन में विचार आया और प्रमुख समाजसेवी निरंजन लाल अग्रवाल डब्बू ने अपने चारों बच्चों को बिठाया और कहा कि मैं एक रसोई ऐसी खोलना चाहता हूं कि यहां लोगों को बहुत कम रुपये के अंदर बहुत अच्छा व शुद्ध खाना दिया जा सके और सब का एक ही मत रहा कि हां ऐसा कार्य जरूर करना चाहिए और फिर माँ सुमित्रा रसोई का यह रूप हम सबके मन में आया कि क्या हम ये सही में कर सकते हैं। फिर बहुत आपस में विचार हुए और 14 सितंबर 2021 को मां सुमित्रा रसोई की नींव पाँच बुजुर्ग माताओं के कर कमलों द्वारा रखी गयी तथा 13 अप्रैल सन 2022 को मां सुमित्रा रसोई का भव्य शुभारंभ हुआ।
मां सुमित्रा रसोई के शुभारंभ के बाद सभी लोगों के सहयोग, प्यार व आशीर्वाद से मां सुमित्रा रसोई ने सफलतम 2 साल पूर्ण करने जा रही है और समाज सेवा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक रचने जा रही है।
रसाई ने प्रथम वर्ष एक साल के अंदर 1 लाख 40 हजार के करीब लोगों को सिर्फ 10 रूपये प्लेट के अंदर भोजन कराया तथा लाखों लोगों को ठंडा पानी व फिल्टर पानी का लाभ प्राप्त हुआ है। रसाई द्वारा इस बर्ष प्रगति के पथ पर बढ़ते हुये इस वर्ष 1 लाख 58 हजार जरूरतमंन्दों को भोजन सेवा देकर अब तक यह आंकडा लगभग 3 लाख लोगों तक पहुंच गया है। समय-समय पर रसोई की जरूरत के अनुसार रसोई में आटा गूंदने की मशीन, लोई बनाने की मशीन, रोटी बनाने की मशीन, मसाला पीसने की मशीन, पावरोल जनरेटर, एलईडी स्क्रीन आदि मशीन को लगाया गया है। जिससे कि लोगों को अच्छे से अच्छा आरओ के शुद्ध पानी से बना हुआ खाना जल्दी से जल्दी उपलब्ध कराया जा सके।
रसोई पर बहुत से लोगों ने समय-समय पर अपने कार्यक्रम भी किए। जैसे कि जन्मदिन, शादी की सालगिरह, माता-पिता की पुण्यतिथि आदि तथा यह भी प्रयास किया गया कि समय-समय पर कुछ व्यंजन खिलाए जा सके। जैसे की पनीर की सब्जी, फलों की चाट, सूजी का हलवा, गाजर का हलवा, मेवा की खीर, बूंदी आदि का मीनू शामिल है। समाज के सम्मानित सभी वर्गों का रसोई को अपना सहयोग तथा प्यार प्राप्त हुआ है।
मां सुमित्रा रसोई अपना सफलता पूर्वक दूसरा साल पूरा करने जा रही है। सहयोग व आशीर्वाद के लिए रसोई आप सभी लोगों का भी तहेदिल से धन्यवाद करती है और आशा करती है कि आप लोगों का प्यार और आशीर्वाद हमें इसी प्रकार मिलता रहेगा और मां सुमित्रा रसोई ऐसे ही आने वाले भविष्य में भी लोगों की सेवा करती रहेगी।
मां सुमित्रा रसोई के प्रबंधक एवं प्रमुख समाजसेवी निरंजन लाल अग्रवाल डब्बू ने कहा है कि मां सुमित्रा रसोई का यह सफर अनवरत रूप से जन सेवा में निस्वार्थ भाव से आगे भी जारी रहेगा और मां सुमित्रा रसोई को बढ़ाने में और जो भी आवश्यकताएं होंगी उन्हें भी पूर्ण करने के लिए भरसक प्रयास किए जाएंगे। जिससे कि गरीब, असहाय, निर्धन, जरूरतमंद लोगों की जरूरतों को पूरा कर उन्हें भोजन प्रसादी उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने सभी से अपना प्यार व आशीर्वाद बनाए रखने का अनुरोध किया है।

dainiklalsa
Author: dainiklalsa

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