गांव रूदायन के श्री हनुमान जी एवं मां काली पक्का मंदिर परिसर में श्री मलूकपीठाधीश्वर स्वामी राजेन्द्र दास देवाचार्य जी महाराज केे शिष्य श्री प्रहलाद दास महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्स की कथा का बडा ही रोचक वर्णन किया। जिसे सुन श्रोता झूम उठे।
गांव रूदायन में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान कथा व्यास श्री प्रहालाद दास जी ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। कथा व्यास ने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। जैसे ही कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ पूरा पंडाल जयकारों से गूंजने लगा। कृष्ण जन्म उत्सव पर नन्द के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की भजन प्रस्तुत किया तो श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर जमकर झूमे। एक-दूसरे को श्रीकृष्ण जन्म की बधाईयां दी गई, एक-दूसरे को खिलौने और मिठाईयां बाटी गई। कथा महोत्सव में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भजन प्रदुम कर भगवान श्री कृष्ण के जन्म की खुशियां मनाई। कथा का भावार्थ समझाते हुए कथा व्यास महाराज ने कहा कि भगवान हमेशा अपने भक्तों का ध्यान रखते हैं। उन्होंने कहा कि जब-जब धरती पर पाप, अनाचार बढ़ता है, तब-तब भगवान श्रीहरि धरा पर किसी न किसी रूप में अवतार लेकर भक्तों के संकट को हरते हैं। उन्होंने भक्तों ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा का रसपान हर व्यक्ति को करना चाहिए। इस दौरान राजा परीक्षित के रूप मे सुमित तिवारी एवं उनकी पत्नी श्रीमती आशा देवी के साथ शुभम उपाध्याय, अवनींद्र, प्रशांत शर्मा, मोहन, मनोज पण्डित, सहित तमाम ग्रामीण भक्त मौजूद थे।