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October 30, 2024 9:48 pm

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सीबीएसई स्कूल मैनेजर्स एसोसिएशन उ.प्र. का लखनऊ में हुआ अधिवेशन: बोले स्कूल प्रबंधकों, प्रधानाचार्य व शिक्षकों को पीड़ित न कर न्याय दिलाया जाए

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आरटीई के तहत नियम विरुद्ध अनुचित लाभ लेने वालों पर हो कार्यवाहीःअन्य राज्यों की तरह बढ़ाई जाए छात्र दरःआक्रोश

 

हाथरस-30 जुलाई। सी.बी.एस.ई. स्कूल मैनेजर्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश, भारत की साधारण सभा की बैठक एसोसिएशन के राष्ट्रीय/प्रदेश अध्यक्ष श्याम पचैरी की अध्यक्षता में होटल डमसन पाम लखनऊ में आयोजित की गई। जिसमें उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों से आये हुये सी.बी.एस.ई. स्कूलों के प्रबन्धकों ने प्रतिभाग कर स्कूलों के संचालन में आ रही समस्याओं पर विचार-विमर्श करते हुये उनके समाधान हेतु समितियों का निर्माण किया गया।
उक्त बैठक में हाथरस जनपद से एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं जनपदीय अध्यक्ष डॉ.उमाशंकर शर्मा लार्ड, मंडल उपाध्यक्ष एवं जिला सचिव ए.पी.सिंह, वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष स्वतंत्र कुमार गुप्त, दिनेश सेकसरिया, डॉ. विकास सिंह, प्रमोद अग्रवाल, संयुक्त सचिव रनवीर पाठक एवं जी.पी. सिंह ने प्रतिभाग करते हुये अपने महत्वपूर्ण विचार, सुझाव एवं उनके क्रियान्वयन की बात रखीं
उक्त बैठक में स्कूल सुरक्षा सम्बन्धी महत्वपूर्ण विषय पर विचार प्रस्तुत करते हुये राष्ट्रीय महामंत्री मुर्तीधर यादव ने बतलाया कि पूर्व में विजय किरन आन्नद (आई.ए.एस.) महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा एसोसिएशन के पदाधिकारियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों की एक समिति का निर्माण किया गया था। जिसमें अनावश्यक रूप से सी.बी.एस.ई.स्कूल के प्रबन्धक, प्रधानाचार्य एवं अध्यापकों को पीड़ित न करके उनको न्याय दिलाने की बात कही गयी थी, लेकिन उनके हटते ही उक्त प्रकरण ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। एसोसिएशन के समस्त सदस्यों ने एकमत होकर यह निर्णय लिया गया कि इस सम्बन्ध में वर्तमान महानिदेशक से मिलकर स्कूल सुरक्षा सम्बन्धी नियमावली का निर्माण किया जाये। जिससे समस्या का स्थायी समाधान हो सके।
बैठक में इस बात पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया गया कि कतिपय अभिभावकों द्वारा पात्र न होते हुये तथ्यों को छिपाकर समस्त संसाधनों से पूर्ण होते हुये आर.टी.ई.के तहत नियम विरूद्ध तरीके से अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से अपने पाल्यों का प्रवेश करा दिया जाता है, जो वास्तविक गरीबी रेखा से नीचे जी रहे, अभिभावकों के हितों को प्रभावित करता है। इस प्रकार के अभिभावकों की शिकायत शासन, जिलाधिकारी एंव बेसिक शिक्षा अधिकारी से प्रमाण सहित की जाये एवं इनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही प्रयोग में लायी जाये। समस्त सदस्यों ने एकमत से माँग की कि सरकारी स्कूलों में एक छात्र/छात्रा की शिक्षा का रूपये 5100- प्रति बालक सरकार वहन करती है।किन्तु खेद का विषय है कि आर.टी.ई.के तहत 11 माह का रूपये 450- प्रति माह की दर से सी.बी.एस.ई.स्कूलों को दिया जाता है। इस धनराशि को बढ़ाकर अन्य राज्यों की तरह कम से कम 3100-रूपये प्रति छात्र की दर से स्कूलों को दिया जाये।
बैठक में इस बात पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया गया कि सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा आये दिन नये नियम अनावश्यक रूप से थोपे जाते है एवं मान्यता प्रत्याहरण की धमकी दी जाती है। स्कूल वाहन के संचालन के समय यदि कोई दुर्घटना होती है तो नियम विरूद्ध रूप से स्कूल प्रबन्धक/प्रधानाचार्य को जेल की चारदीवारी में बन्द कर दिया जाता है। अतः यह निर्णय हुआ कि इस प्रकार की नियम विरूद्ध कार्यवाही पर तत्कालिक रूप से रोक लगायी जाये। इसके अतिरिक्त व्।ैप्ैए ैफ।।थ्ए ै।थ्।स् म्Ûंउ हेतु अनावश्यक दबाब सी.बी.एस.ई. स्कूलों पर बनाया जा रहा है, जिसकी सभी ने एक स्वर में निन्दा की।
एसोसिएशन के वार्षिक अधिवेशन 2024 के स्थान के सम्बन्ध में डॉ. उमाशंकर लार्ड के प्रस्ताव पर यह निर्णय लिया गया कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर यह अधिवेशन रूस, फिनलैण्ड, दुबई में से किसी एक देश में रखा जाये, जिसमें उस देश के सी.बी.एस.ई. स्कूलों को जोडा जाये, जिससे अन्तर्राष्ट्रीय पर सी.बी.एस.ई.स्कूलों की आवाज बुलंद हो सके। अन्त में एसोसिएशन के वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष स्वतंत्र कुमार गुप्त ने सी.बी.एस.ई. स्कूल के प्रबन्धकों से अपील की कि वह शिक्षा की गुणवत्ता हेतु समर्पित हों, जिससे शिक्षा क्षेत्र में सी.बी.एस.ई. स्कूलों का नाम रोशन हो।

dainiklalsa
Author: dainiklalsa

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