Explore

Search
Close this search box.

Search

October 26, 2024 2:57 pm

लेटेस्ट न्यूज़

भाजपा जिला कार्यालय पर जनसंघ संस्थापक डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मनायी जयंती

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

एक देश में दो विधान, दो निशान, दो प्रधान नहीं चलेंगे का दिया था नारा-रजनीकांत

हाथरस- 6 जुलाई। भाजपा जिला कार्यालय गौशाला रोड पर आज जनसंघ के संस्थापक एवं एक राष्ट्र में एक संविधान के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के उपलक्ष्य में भाजपा जिलाध्यक्ष शरद माहेश्वरी की अध्यक्षता में जिला संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में रजनीकांत माहेश्वरी निवर्तमान क्षेत्रीय अध्यक्ष भाजपा एवं सदस्य विधान परिषद थे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं एमएलसी रजनीकांत माहेश्वरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि डा. मुखर्जी ही वास्तव में भारत में कश्मीर को अभिन्न अंग मानने वाले तथा उसको भारतीय गणराज्य का हिस्सा बनाने के लिए संघर्ष करने वाले देश की एकजुटता के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले नेता थे। उन्होंने सदा अपने से ऊपर राष्ट्र को समझा। भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद, वे नेहरू के मंत्रिमंडल में उद्योग और आपूर्ति मंत्री बने। लेकिन उन्होंने नेहरू सरकार की तुष्टिकरण की नीति एवं कश्मीर में अलग विधान, अलग प्रधान एवं अलग निशान से कुपित होकर 1950 में इस्तीफा दे दिया। उन्होंने 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना की और इसके पहले अध्यक्ष बने।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष शरद माहेश्वरी ने डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक देश में दो विधान, दो निशान, दो प्रधान नहीं चलेगे’ का नारा देने वाले, राष्ट्रीय एकता व अखंडता के लिए अपना जीवन अर्पित करने वाले जनसंघ के संस्थापक, महान शिक्षाविद् व प्रखर राष्ट्रवादी, देश के अमर नायक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के कारण ही आज जम्मू-कश्मीर में भारतीय संविधान पूरी तरह से लागू हो पाया है। 6 जुलाई 1901 को कलकता के अत्यंत प्रतिष्ठित परिवार में विख्यात शिक्षाविद सर आशुतोष मुखर्जी और माता जोगमाया के यहां उनका जन्म हुआ था। सिकन्द्राराऊ विधायक वीरेन्द्र सिंह राणा ने कहा कि डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने ही देश विभाजन के समय प्रस्तावित पाकिस्तान में से बंगाल और पंजाब के विभाजन की मांग उठाकर वर्तमान बंगाल और पंजाब को बचाया था। वर्ष 1947 में उन्होंने सुभाष चंद्र बोस के भाई शरत बोस और बंगाली मुस्लिम राजनेता हुसैन शहीद सुहरावर्दी द्वारा बनाई गई एक संयुक्त लेकिन स्वतंत्र बंगाल के लिये एक असफल बोली का भी विरोध किया।
कार्यक्रम के दौरान गत 2 जुलाई को सिकन्द्राराऊविधानसभा के फुलरई गॉव में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में मृतकों एवं सदर विधायक श्रीमती अंजुला सिंह माहौर की माताश्री के निधन पर मृत आत्माओं की शांति हेतु दो मिनट का मौन धारण किया गया। कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री रुपेश उपाध्याय ने किया।
कार्यक्रम में डौली माहौर, श्वेता चैधरी, हेमलता अग्रवाल, धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, हरीशंकर राना, महेंद्र सिंह आचार्य, रामवीर भैयाजी, रामवीर सिंह परमार, प्रभा सिंह, सुनील गौतम, ब्रजेश चैहान, संतराज, प्रमोद सेंगर, मीरा माहेश्वरी, राजेंद्र चैधरी, तपन जोहर, हरस्वरूप वर्मा, रामकुमार माहेश्वरी, सुरेन्द्र सिंह पुंडीर, डा. एसपीएस चैहान, तुलसीदास अग्रवाल, भीकम सिंह चैहान, अनुराग अग्निहोत्री, हाफिज सब्बीर अहमद, मोहित बघेल, कुशलपाल सिंह पौरुष, मूलचन्द वाष्र्णेय, शिवदेव दीक्षित, राजपाल सिंह, हम्वीर सिंह, अनिल पराशर, ओजवीर सिंह राणा, सचिन दीक्षित, दीपक उपाध्याय, धु्रव शर्मा, नीरेश कुमार सिंह, कृष्णमुरारी वाष्र्णेय, स्मृति पाठक, सोनिया नारंग, प्रिया मित्तल, दिलीप मित्तल, प्रवीन कुमार, हरीश सेंगर, मुकेश चैहान, दम्वेश चक, भूपेंद्र कौशिक, सेकेट्री सिंह यादव, योगेन्द्र गहलौत, देवेन्द्र शर्मा, चै. चन्द्रवीर सिंह, गिरीश सेंगर, महेश वर्मा, संतोष जोशी, पूनम, स्मृति पाठक, बाला शर्मा, रितू गौतम, अंकुर सिसोदिया, रजत चैधरी, रामू शर्मा, वासुदेव माहौर, नीरेश कुमार सिंह, अशोक गोला, सुमित शर्मा, अरविंद चैधरी, प्रशांत शर्मा आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

dainiklalsa
Author: dainiklalsa

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर