जेल जाने के साथ सही थीं तमाम यातनायें-लोकतंत्र रक्षक सैनानी रमेशचंद्र आर्य
हाथरस-25 जून। आज भाजपा जिला कार्यालय पर कांग्रेस द्वारा 25 जून 1975 को आपातकाल लागू कर लोकतंत्र की हत्या, मानवाधिकारों का हनन एवं देशवासियों पर अत्याचार देश के इतिहास में काला दिवस के रूप में जाना जाता है। इस आपातकाल के विरूद्ध जिन लोकतंत्र सेनानियों ने अपनी आवाज उठाई, उन्हें भारतीय जनता पार्टी द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता लोकतंत्र रक्षक सेनानी एवं पूर्व पालिका अध्यक्ष रमेशचन्द्र आर्य ने की एवं मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मवीर प्रजापति एवं भाजपा के प्रदेश मंत्री व जिला प्रभारी डी.पी.भारती मौजूद थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की सिफारिश पर देश में आपातकाल की घोषणा की थी। आपातकाल की घोषणा के साथ ही सभी नागरिकों के मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए थे। अभिव्यक्ति का अधिकार ही नहीं, लोगों के पास जीवन का अधिकार भी नहीं रह गया था। 25 जून की रात से ही देश में विपक्ष के नेताओं की गिरफ्तारियों का दौर शुरू हो गया था। जयप्रकाश नारायण, लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी, जॉर्ज फर्नाडीस आदि बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया गया था। जेलों में जगह नहीं बची थी। आपातकाल के बाद प्रशासन और पुलिस द्वारा भारी उत्पीड़न की कहानियां सामने आई थीं। प्रेस पर भी सेंसरशिप लगा दी गई थी। हर अखबार में सेंसर अधिकारी बैठा दिया गया, उसकी अनुमति के बाद ही कोई समाचार छप सकता था। सरकार विरोधी समाचार छापने पर गिरफ्तारी हो सकती थी। यह सब तब थम सका, जब 23 जनवरी 1977 को मार्च महीने में चुनाव की घोषणा हो गई।
कार्यक्रम में बोलते हुए प्रदेश मंत्री भाजपा उ.प्र.ध्जिला प्रभारी डी.पी. भारती ने कहा कि जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में सभी विपक्षी दलों ने एकत्रित होकर सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ आन्दोलन किये और देश के लोकतंत्र को बचाने का काम किया। भाजपा जिलाध्यक्ष शरद माहेश्वरी ने कहा कि आपातकाल के समय इंद्रा गाँधी की सरकार ने विपक्ष ने नेताओं पर अंग्रेजी सरकार से भी ज्यादा अत्याचार किये और विपक्षी नेताओं के नाखून तक खिचवा लिए तथा देश में भय का वातावरण पैदा कर दिया।
आपातकाल (काला दिवस) की वर्षगांठ कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे लोकतंत्र रक्षक सेनानी एवं पूर्व पालिका अध्यक्ष रमेश चन्द आर्य ने अपने उद्बोधन में अपनी आप बीती पीड़ा सबके समक्ष रखी कि कांग्रेस की भ्रष्ट सरकार ने आमजन के अधिकारों को भी खत्म कर दिया और जगह-जगह पर पुलिस के पहरे बैठा दिए। हमने तरह-तरह के सरकार विरोधी नारे लगाये। उन्होंने कहा कि इसी के कारण मुझे भी अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहां तमाम तरह की यातनाएं सहनी पडीं। इस मौके पर भाजपा कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों द्वारा लोकतंत्र रक्षक सेनानी रमेशचंद्र आर्य को सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम में सभी लोकतंत्र रक्षक सैनानी कुशलपाल सिंह पौरुष, नरेन्द्र पाल सिंह, रामवीर सिंह दादू, सोम वाष्र्णेय, गीताराम वाष्र्णेय, दिनेशचन्द वाष्र्णेय, डम्बर सिंह, राजकुमार शर्मा, नरेशपाल शर्मा, हरिओम, ओमवती देवी, रघुवीर सिंह, लक्ष्मीचंद, साहब सिंह, राजपाल सिंह, जगनेर, दीना, इवलेहसन आदि को पटका पहनाकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम संयोजक सुनील गौतम ने कार्यक्रम में सभी का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री रुपेश उपाध्याय ने किया।
कार्यक्रम में सदर विधायक अंजुला सिंह माहौर, सिकन्द्राराऊ विधायक वीरेन्द्र सिंह राणा, ब्लॉक प्रमुख पूनम पांडेय, हरीशंकर राना, अविनाश तिवारी, संध्या आर्य, डा. मथुरा प्रसाद गौतम, रामकुमार माहेश्वरी, हरीश सेंगर, सतेन्द्र सिंह, मोहित बघेल, सुनीता वर्मा, भीकम सिंह चैहान, रामवीर सिंह माहौर, हाफिज सब्बीर अहमद, मूलचन्द वाष्र्णेय, नीरेश कुमार सिंह, शिवदेव दीक्षित, सचिन दीक्षित, अंशुल शर्मा, अनिल परासर, लक्ष्मण सिंह प्रधान, भूपेंद्र कौशिक, डम्वेश चक, आयुष अग्रवाल आदि भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।