ऋतुराज तुम्हारे स्वागत में संसार बसंती लगता है
सासनी-15 फरवरी। नगर की साहित्यिक सामाजिक एवं बुजुर्गों की संस्था साहित्यानंद ने ऋतुराज बसंत के स्वागत में कवि चैपाल का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता समाजसेवी कालीचरण एवं संचालन मुरारीलाल मधुर ने किया।
कवि चैपाल का शुभारंभ आचार्य द्वारा मां सरस्वती का विधिवत पूजन करने और अध्यक्ष द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करने के बाद कवि वीरेन्द्र जैन नारद ने सुनाया-ऋतुराज तुम्हारे स्वागत में संसार बसंती लगता है क्या गांव शहर क्या गली डगर घर द्वार बसंती लगता है। इसके बाद कवि रामनिवास उपाध्याय- अंग्रेजी और चाय कू सौंप गए अंग्रेज चीन देश दुश्मन भलौ चीनी तै नाय गुरेज। तत्पश्चात कवि रविराज सिंह-आया बसंत आया बसंत खुशियां हजार लाया बसंत। हास्य कवि वीरपाल सिंह-आज कल के लड़के मात पिता को ठुकराए लगते बोझ सम। इसके उपरांत कवि महेंद्र पाल सिंह- आप बताएं क्या क्या देखा दुनिया में आने के बाद, हमसे पूछो हम बतलाएं कर कर याद पुरानी याद। कवि डा.प्रभात-टूटे दिल की कुछ दास्तां लोगों को सुना रहा हां मेरी जान अब मैं तेरी नई गजलें बना रहा।
संचालन कर रहे मुरारीलाल मधुर-आयौ बसंत ऋतुन कौ कंत चहुं दिश सरसों फूलन लागी बन बागन में खलिहानन में सुगंधि चहुं दिशि फैलन लागी। इसके अलावा हनीफ संदली, डा.शाहिद हुसैन, नेहा वाष्र्णेय, शैलेश अवस्थी, विष्णु शर्मा, पप्पू टेलर की कविताएं भी श्रोताओं द्वारा सराही गईं।