हाथरस-21 नवम्बर। एम.एस.एम.ई. अनुभाग-2 के शासनादेश के क्रम में अवगत कराया है कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को गति प्रदान करते हुए जनपद में उद्योगों को प्रोत्साहित करने एवं अधिक से अधिक रोजगार सृजित किये जाने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा जनपद में पूँजी निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 1 लाख नई सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों को स्थापित किये जाने के लक्ष्य के साथ मिशन मोड में आगामी 10 वर्षों की समयावधि में 10 लाख नई सूक्ष्म इकाईयां स्थापित किये जाने हेतु राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना को प्रारम्भ किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है।
योजना का उद्देश्य एवं शर्ते निम्नवत हैं जिसमें आवेदक जनपद का निवासी होना चाहिए एवं आवेदक की आयु 21 वर्ष से 40 वर्ष होनी चाहिए। आवेदक की शैक्षिक योग्यता न्यूनतम कक्षा आठ होनी चाहिए। इण्टरमीडिएट उत्तीर्ण अथवा समकक्ष को वरीयता दी जायेगी। आवेदक सरकार द्वारा संचालित योजनाओं यथा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, एक जनपद एक उत्पाद प्रशिक्षण एवं टूलकिट योजना, अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग प्रशिक्षण योजना, उत्तर प्रदेश स्किल डवलपमेन्ट मिशन द्वारा संचालित कौशल उन्नयन आदि में प्रशिक्षित हो अथवा किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय/शैक्षिक संस्थान से कौशल सम्बन्धी सर्टीफिकेट कोर्स/डिप्लोमा/ डिग्री प्राप्त/अन्य तकनीकी शिक्षा को वरीयता दी जायेगी। पूर्व में पी.एम.स्वनिधि योजना के अतिरिक्त राज्य अथवा केन्द्र सरकार द्वारा संचालित किसी अन्य योजना में ब्याज अथवा पूंजी उत्पादन का लाभ न लिया हो। आकांक्षात्मक विकास खण्ड के अभ्यार्थियों को वरियता प्रदान की जायेगी। मिशन योजनान्तर्गत ऐसी परियोजनाएं ऋण अनुदान हेतु अनुमन्य नहीं होगी जो निगेटिव लिस्ट तम्बाकू, गुटखा, पान, पटाखों आदि के निर्माण के अन्तर्गत आती हो।
योजनान्तर्गत वित्त पोषण- उद्योग एवं सेवा क्षेत्र की अधिकतम रू. 5 लाख तक की परियोजनाओं के ऋण पर परियोजना लागत का शत प्रतिशत ब्याज उपादान वित्त पोषण की तिथि से अगले 4 वर्षों के लिए दिया जायेगा। कुल परियोजना लागत का न्यूनतम 10 प्रतिशत टर्मलोन के रूप में होना अनिवार्य होगा। परियोजना में भूमि-भवन का क्रय सम्मिलित नहीं होगा। सामान्य वर्ग के लाभार्थियों का परियोजना लागत का 15 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग के लाभार्थियों के लिए 12.5 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/जनजाति/ दिव्यांगजन के लाभार्थियों के लिए 10 प्रतिशत स्वयं का अंशदान के रूप में जमा करना होगा। लाभार्थी को परियोजना लागत अथवा अधिकतम रू.5 लाख जो कम हो का 10 प्रतिशत मार्जिन मनी सब्सिडी के रूप में दिया जायेगा। अनुदान बैंक इण्डेड होगा। द्वितीय चरण (विस्तारीकरण) की परियोजना लागत अधिकतम रू. 10 लाख हो सकेगी तथा प्रथम स्टेज में लिए गये ऋण को अधिकतम दोगुना अथवा रू. 7.50 लाख, जो भी कम हो, की ऋण धनराशि पर 50 प्रतिशत ब्याज उपादान वित्त पोषण की तिथि से अगले 3 वर्षों के लिए दिया जायेगा। द्वितीय चरण की परियोजना में कोई मार्जिन मनी सब्सिडी देय नहीं होगी। योजना से सम्बन्धित जानकारी के लिए कार्यालय उपायुक्त उद्योग जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केन्द्र रावत कॉलोनी में सम्पर्क किया जा सकता है।
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