कवि सम्मेलन में बही देशभक्ति की बयारःविख्यात कवियों ने ओज,गीत, श्रृंगार व हास्य से बांधा समां.
हाथरस-25 सितम्बर। ब्रज के प्रसिद्ध व ऐतिहासिक लक्खी मेला श्री दाऊजी महाराज के 113वें महोत्सव में गत शनिवार की रात मेला श्रीदाऊजी महाराज के पंडाल में एक शाम अटलजी के नाम विशाल कवि सम्मेलन का आयोजन विद्या भारती पूर्व छात्र परिषद के जिला संयोजक तरुण शर्मा के संयोजन, युवा समाजसेवी प्रवीण खंडेलवाल के सहसंयोजन तथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व प्रांत प्रमुख जय शर्मा के निर्देशन में आयोजित में किया गया। एक शाम अटल जी के नाम विराट कवि सम्मेलन में देश के जाने-माने कवियों ने काव्य पाठ किया और काव्य प्रेमी जनता को जहां गीतों की फुहार, श्रृंगार की झंकार व ओज की टंकार से आनंदित किया और चुटकुलों से गुदगुदाया। वहीं श्रोताओं में जोश भरकर सुबह की भोर तक कवि सम्मेलन चलता रहा।
ब्रज के प्रसिद्ध व ऐतिहासिक लक्खी मेला श्री दाऊजी महाराज के 113 वें मेला महोत्सव में शनिवार की रात मेला पंडाल में आयोजित एक शाम अटल जी के नाम विराट काव्यांजलि एवं कवि सम्मेलन समारोह का उद्घाटन भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रज बहादुर भारद्वाज एवं विभाग प्रचारक गोविंद ने संयुक्त रूप से मां शारदे एवं भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के छविचित्रों के समक्ष दीप प्रज्जवलन करके किया गया। उद्घाटन समारोह में सहयोग भाजपा जिलाध्यक्ष शरद माहेश्वरी, पूर्व सांसद राजेश दिवाकर, पूर्व विधायक हरीशंकर माहौर, ब्लॉक प्रमुख रामेश्वर उपध्याय, नगर पालिका अध्यक्ष श्वेता चैधरी, पूर्व सांसद प्रतिनिधि ठाकुर राजेश सिंह गुड्डू भैया के अलावा आरएसएस के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद थे।
एक शाम अटल जी के नाम विराट अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि विशेष सचिव ऊर्जा प्रशांत शर्मा आईएएस एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती पॉलोमी शुक्ला एड़. तथा जिलाधिकारी राहुल पांडेय, पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल, अपर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार सिंह भी मौजूद थे। उक्त सभी अतिथियों का विद्या भारती पूर्व छात्र परिषद के जिला संयोजक एवं अखिल भारतीय विराट एक शाम अटल जी के नाम कवि सम्मेलन के संयोजक तरुण शर्मा, युवा समाजसेवी/सहसंयोजक प्रवीण खंडेलवाल तथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व प्रांत प्रमुख/निर्देशक जय शर्मा द्वारा सभी का फूल मालाओं से लादकर व दुपट्टा ओढ़ाकर तथा प्रतीक चिन्ह भेंट कर स्वागत व सम्मान किया गया।
एक शाम अटल जी के नाम विराट अखिल भारतीय कवि सम्मेलन की शुरुआत सिकन्द्राराऊ की कवियत्री उन्नत्ति भारद्वाज ने की। उन्होंने सत्य सनातन धर्म हमारा विश्व पटल पर छाएगा, भारत का हर बच्चा बच्चा वंदे मातरम् गाएगा,-भारत सब पर राज करे जयघोष विश्व में छाएगा, देव भूमि भारत तब जाकर विश्व गुरु कहलाएगा, सुनाया। इसके बाद रामबाबू सिकरवार ने बड़े दिनों के बाद कश्मीर हुआ आजाद, जो वतन की खातिर मिटे उनको सलाम है सुनाई। बाराबंकी के हैदरगढ़ से आए शिवकिशोर तिवारी खंजन- ने मिले यदि प्रेम का प्याला जहर भी जाम होता है, हृदय जो प्रेम में डूबा वो प्रभु का धाम होता है, है जिनका कार्य उत्तम और उत्तम है घराना भी, वही दशरथ का बेटा बनकर पैदा राम होता है सुनाई।
प्रख्यात कवि मोहन मुंतजिर ने-हमें मिलने की चाहत भी नही थी, वो आए तो शिकायत भी नही थी, हुआ मैं बेवफा तो क्या गलत है, उसे मेरी जरूरत भी नहीं थी सुनाई। ओज कवि अमित शर्मा ने-युवा देश का जब जब रण में अपनी ताकत तौलेगा, चप्पा-चप्पा इस भारत का वंदेमातरम् बोलेगा सुनाकर श्रोताओं में जोश भर दिया और जमकर तालियां बटोरी।
एक शाम अटल जी के नाम विराट अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए कवि नितिन मिश्र ने-दुश्मनी को त्यागिए, अमन चैन लाइए, फिर भी सुकून हो तो थोड़ा मुस्कुराइए, सारी भेद भावना को आज दो विराम जी, सबको राम राम है जी सबको राम राम जी सुनाई और दर्शकों से खूब तालियां बटोरी।
कवि सम्मेलन में देश के प्रख्यात गीतकार डॉ. विष्णु सक्सैना ने जब अपने गीतों के माध्यम से गीतों के फुहार की तो पूरा पंडाल उनके काव्य पाठ पर झूम उठा और पूरा पंडाल भी तालियों की गड़गडाहट से गूंज उठा। गीतकार डॉ. विष्णु सक्सैना ने- आंख खोली तो तुम रुक्मिणी सी दिखीं, बंद की आंख तो राधिका तुम लगीं, जब भी देखा तुम्हें शांत एकांत में, मीराबाई सी इक साधिका तुम लगीं सुनाई।
उसके बाद गीतकार डॉ. विष्णु सक्सैना ने- चांदनी रात में- रंग ले हाथ में जिंदगी को नया मोड़ दें, तुम हमारी कसम तोड़ दो, हम तुम्हारी कसम तोड़ दें,। उन्होंने बदलते वक्त में ये कैसा दौर आया है, हमीं से दूर हो गया हमारा साया है, आज हम उनकी जुबां पर लगा रहे बंदिश-जिन बुजुर्गों ने हमें बोलना सिखाया है। सुना कर जमकर तालियां बटोरी। कवि दिनेश देशी घी ने- एक फकीर मिला ऐसा जो जपता रहा प्रभु की माला। उस राम भक्त बजरंगी ने श्री राम का भवन बना डाला सुनाया।
प्रख्यात युवा ओज कवि राम भदावर इटावा ने सुनाया- जिनकी धड़कन में कुलाँचे देश मारेगा नहीं, वह कभी खुद को किसी रन् में उतारेगा नहीं। सुनाकर जोश भर दिया। प्रतापगढ़ राजस्थान की कवियत्री सुमित्रा सरल ने-कभी जब डूब जाती हूँ तो नैया देख आती हूं, मैं मानस में लिखा पावन सवैया देख आती हूं,मेरे मंदिर न जाने का सबब सखियों से क्या बोलूँ, मैं छत पर शाम को अपना कन्हैया देख आती हूं काव्य पाठ कर पूरे कवि सम्मेलन में समां बांध दिया।
इस मौके पर राम बिहारी अग्रवाल, मनोज अग्रवाल राया वाले, शरद तिवारी, डॉ. बीपी सिंह, अजय कुलश्रेष्ठ, वैद्य मोहन बृजेश रावत, डॉ. यूएस गौड, विनोद चैहान, रामकृष्ण सिंह, मनोज अग्निहोत्री, संजीव सेंगर, दीपक भारद्वाज, राहुल वाष्र्णेय, चाहत सिंघल, आशीष कुमार, रोहित अग्रवाल, अमित कौशिक, निखिल सोनी, गोपाल कृष्ण शर्मा, अनुराग गर्ग, सौरव गर्ग, राधेश्याम वाष्र्णेय, शीलेंद्र कुशवाहा, नवीन गुप्ता, श्रीमती दीप्ति वाष्र्णेय, राजकुमार पाठक, शुभम भारद्वाज, रजत चैधरी आदि तमाम लोग मौजूद थे और सभी का स्वागत व सम्मान संयोजक तरुण शर्मा, सह संयोजक प्रवीन खंडेलवाल ने किया। निर्देशन जय शर्मा का रहा। संचालन अतुल आंधीवाल एडवोकेट ने द्वारा किया गया।