Explore

Search
Close this search box.

Search

September 17, 2024 9:11 pm

लेटेस्ट न्यूज़

मेरे भारत देश का गौरव, मेरे भारत देश की शान ये संत महात्मा है- कविता दीदी

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

मेला श्री रेवती मैया के दाऊजी मंदिर में धर्म सम्मलेन सम्पन्न

मेला श्री रेवती मैया के दाऊजी मंदिर में धर्म सम्मलेन का कार्यक्रम ब्रह्माकुमारीज तपस्याधाम द्वारा राजयोगिनी सीता दीदी के निर्देशन में ब्रह्माकुमारी भावना बहिन के संयोजन में, सुरेश चंद्र आंधीवाल की पुण्यस्मृति में हुआ।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज माउन्ट आबू की धार्मिक प्रभाग की राष्ट्रीय स्तर पर कार्यकारिणी सदस्य भरतपुर से आयीं कविता दीदी, श्री धाम वृन्दावन से प्रखर राष्ट्र चिंतक डॉ. अनिरुद्ध महाराज, ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश वशिष्ठ, नगर पालिका अध्यक्ष श्वेता चैधरी, वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके भावना बहिन, डा. विकास शर्मा, राम गोपाल आंधीवाल, अतुल आंधीवाल एड. आदि ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर भरतपुर से आयी ब्रह्माकुमारीज माउन्ट आबू की धार्मिक प्रभाग की राष्ट्रीय स्तर पर कार्यकारिणी सदस्य के रूप में विगत 25 वर्षों से राष्ट्रीय सम्मेलनांे का संचालन कर रही मुख्य वक्ता के रूप से संत महात्माओं एवं विभिन्न धर्म संम्प्रदाओं के बीच में अनेक उद्बोधन रख चुकीं राजयोगिनी कविता दीदी ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा सनातन संस्कृति का आधार आध्यात्मिकता है। मेरे भारत देश का गौरव, मेरे भारत देश की शान ये महान संत, महात्मा हैं और मेरे भारत की प्रथम पाठशाला नारी मातृ शक्ति है और ये मातृ शक्ति गर्भ से ही बालक के अंदर आध्यात्म के संस्कार जीजाबाई की भांति, सावित्री की भांति, माँ सीता की भांति अपने बालकों के अंदर संस्कार रोपित करती हैं। उन्ही का प्रमाण ये संत महात्माऐ, ये बाल ब्रह्मचारी ब्रह्माकुमारी बहनें है जिन्हांेने भारत की संस्कृति व भारत को बचाए रखने के लिए अपना पूरा जीवन राष्ट्र हित के लिए बलिदान कर दिया है।
श्री धाम वृंदावन से आये प्रखर राष्ट्र चिंतक डॉ. अनिरुद्ध महाराज ने अपने ओजस्वी भाषण में अध्यात्म निश्चित रूप से धर्म का आधार है लेकिन वर्तमान समय धर्म को बचाने की आवश्यकता है। अधिकाश जन सुरा और सुरी में डूबे हुए है उनका विवेक नष्ट होता जा रहा है तो कौन बनेगा विवेकानंद। हम सब धर्म संप्रदायों का प्रचार करते रह जायेंगे, अपने मतों को श्रेष्ठ बताते रह जायेंगे और विधर्मी आएंगे और यहाँ आकर बंगलादेश देश जैसा तांडव मचा जायेंगे। सनातन संस्कृति अगर बचानी है तो ओमशांति के साथ एक क्रांति लानी होंगी। क्रांति के

dainiklalsa
Author: dainiklalsa

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर