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September 10, 2024 12:33 pm

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पुराने वादों को प्राथमिकता के साथ राष्ट्रीय लोक अदालत में करायें निस्तारित-नोडल अधिकारी

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हाथरस-7 अगस्त। उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के आदेशानुसार जनपद न्यायाधीशःअध्यक्ष सतेन्द्र कुमार के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में 14 सितम्बर को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों के निस्तारण हेतु अपर जनपद न्यायाधीश/नोडल अधिकारी महेन्द्र श्रीवास्तव की अध्यक्षता में व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव प्रशान्त कुमार की उपस्थिति में न्यायिक अधिकारीगण के साथ बैठक आयोजित की गई।
बैठक में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जयहिन्द कुमार सिंह, सिविल जज (व.प्र.) मुन्नालाल, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दीपक नाथ सरस्वती, सिविल जज(व.प्र.) एफ.टी.सी. अनुचैधरी, सिविल जज(क.प्र.) श्रुति त्रिपाठी, न्यायिक मजिस्ट्रेट पूनम कुमारी चैहान, अपर सिविल जज (कप्र) हर्षिका रस्तोगी, अपर सिविल जज (क.प्र.) अनिष्का चैधरी, सिविल जज (क.प्र.) एफ.टी.सी. द्वितीय दीपा सैनी, सिविल जज (क.प्र.) एफ.टी.सी. प्रथम शिवजी यादव एवं बाह्य न्यायालय सादाबाद से अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सादाबाद आशीष थिरानियॉ, एवं अपर सिविल जज (क.प्र.) सादाबाद मिताली सोनकर उपस्थित थे। अपर जनपद न्यायाधीश/नोडल अधिकारी लोक अदालत महेन्द्र श्रीवास्तव द्वारा द्वारा सभी न्यायिक अधिकारीगण को इस राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालय में लम्बित ऐसे वाद जिनका निस्तारण सुलह समझौते के आधार पर किया जा सकता है। उनमें अधिक से अधिक नोटिस पक्षकारों को भेजने के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश दिये गये। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे वाद जो काफी पुराने हैं, उनका निस्तारण शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर सुलह-समझौते के माध्यम से करने का प्रयास करें। जिससे इस राष्ट्रीय आयोजन को सफल बनाया जा सके।
अपर जनपद न्यायाधीश सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रशान्त कुमार ने बताया कि यातायात सम्बन्धी चालानों को वेबसाइट अबवनतजे.हवअ.पद के द्वारा ई-पेमेंट के माध्यम से भुगतान कर घर बैठे ही निस्तारण करा सकते है। जनपद की समस्त जनता को जानकारी देते हुये बताया कि लोक अदालत के माध्यम से मामलों का शीघ्र निस्तारण हो जाता हैै, जिसमें समय एंव धन की बचत होती है। लोक अदालत में निस्तारित मामलों की अपील नहीं की जा सकती तथा सिविल मामलों में अदा की गई कोर्ट फीस वापस कर दी जाती है। प्रिलिटीगेशन स्तर पर बैंक मामलों को निस्तारित कराने में ब्याज आदि की छूट प्रदान की जाती है।

dainiklalsa
Author: dainiklalsa

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