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December 9, 2024 9:36 am

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नशा अपराधों व दुर्घटनाओं की जननी है-अपर पुलिस महानिदेशक

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नशा मुक्ति जागरूकता अभियान के तहत छात्र-छात्राओं को नशे के खिलाफ किया जागरूक

हाथरस-26 नबम्बर। मुख्यमंत्री उ.प्र. सरकार द्वारा महिलाओं, बालिकाओँ की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंवन हेतु प्रदेश भर में शारदीय नवरात्रि के उपलक्ष्य में 3 अक्टूबर से मिशन शक्ति फेज-5 का शुभारम्भ किया गया था, जो आगामी 90 दिनों तक चलेगा। जिसके अतर्गत महिलाओं व बच्चों के प्रति होने वाली हिंसा पर रोकथाम हेतु व्यापक जागरूकता के साथ 9 ऑपरेशन चलाये जा रहे है, जिनमें एक अभियान नशा मुक्ति जन जागरुकता कार्यक्रम भी है।
आज अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन आगरा श्रीमती अनुपम कुलश्रेष्ठ की अध्यक्षता में पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल व जिलाधिकारी राहुल पाण्डेय की उपस्थिति में थाना हाथरस गेट क्षेत्रान्तर्गत सेन्ट फ्रांसिस स्कूल में मिशन शक्ति अभियान के पंचम चरण के तत्वावधान में नशा मुक्ति जन जागरूकता के तहत कार्यक्रम का आयोजन कर नशे के दुष्प्रभावों एवं नशे के कुचक्र से दूर रहने के सम्बन्ध में जानकारी देकर छात्र/छात्राओं, स्कूल स्टाफ एवं आमजन को जागरूक किया गया। इस दौरान अपर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार स्कूल, जिला विद्यालय निरीक्षक एवं स्कूल के प्रधानाचार्य, स्कूल के छात्र/छात्राएं, स्कूल का स्टाफ, अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। इस दौरान सर्वप्रथम पुलिस अधीक्षक द्वारा पुष्पगुच्छ देकर अपर पुलिस महानिदेशक का स्वागत किया एवं दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया।
कार्यक्रम के दौरान अपर पुलिस महानिदेशक द्वारा बताया गया कि समाज में मादक पदार्थों के सेवन की बढ़ती आदत एक विकराल समस्या बनती जा रही है । यह एक ऐसा मकड़जाल है, जिसमें नशे का आदी व्यक्ति फंसता चला जाता है, फिर चाहे जितना भी छटपटाए उसमे से निकलना मुश्किल हो जाता है। नशे की चपेट में छोटे, किशोर, युवा, प्रौढ़, स्त्री, पुरूष, अमीर, गरीब सभी आते जा रहे है। कार्यक्रम के दौरान नुक्कड नाटकों का आयोजन कर तथा वीडियो क्लिप आदि के माध्यम से बच्चों व उपस्थित स्टाफ व आमजन को नशा न करने हेतु जागरुक किया गया।
इस दौरान अपर पुलिस महानिदेशक व पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी द्वारा नशे के दुष्प्रभाव व उससे होने वाली बीमारियों आदि के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि नशे के दुष्परिणाम-समाज में आज-कल नशे करने के लिए शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तम्बाकू और धूम्रपान (बीडी, सिगरेट, हुक्का, चिलम), चरस, स्मैक, कोकीन, ब्राउन शुगर आदि जैसे घातक मादक पदार्थों और दवाओं का उपयोग किया जा रहा है । इनके लगातार सेवन से हमारे शरीर व दिमाग में रासायनिक परिवर्तन होते है, जिससे मनुष्य के व्यवहार में असामान्य बदलाव आ जाते है और शारीरिक व मानसिक क्षमता घट जाती है । इसी कारण नशे का आदी व्यक्ति नशे की इच्छा पूर्ति व उत्तेजना के लिए झूठ, चोरी, मारपीट, झगडा, हत्या आदि संगीन घटनाएं कारित करने लगता है और आर्थिक स्थिति खराब होने पर कर्जदार हो जाता है। नशा अपराधों व दुर्घटनाओं की जननी है क्योंकि कोई कुकृत्य होश पूर्ण अवस्था में करने का साहस न रखने वाला व्यक्ति भी नशे में सहज ही ढेरों अपराध व दुर्घटनाओं का कारण बन जाता है। इसके अतिरिक्त नशा का सेवन करने वाले व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता क्षीण होती जाती है और व्यक्ति विभिन्न प्रकार की गम्भीर बीमारियों का शिकार हो जाता है । इस प्रकार के व्यक्ति का वैवाहिक जीवन भी नष्ट हो जाता है।
इस दौरान अपर पुलिस महानिदेशक व पुलिस अधीक्षक द्वारा बताया गया कि नशे की लत को छुडाने के लिए विभिन्न सेवायें संचालित की जा रही है जैसे विभिन्न जनपदों में स्वयंसेवी संगठनों की सहायता से नशा मुक्ति केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। जहाँ मरीज को एडमिट करने की भी सुविधा उपलब्ध है। परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित टेली मानस हेल्पलाईन 14416 अथवा 1800-891-4416 एवं बच्चों (18 वर्ष से कम) की नशे की लत छुडाने या उपचार सम्बन्धी जानकारी व सहायता हेतु चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1098 चलायी जा रही है।
इस दौरान अभिभावकों एवं शिक्षकों को बताया गया कि बच्चों से खुलकर बातें करें, नशीले पदार्थों दवाओं के दुष्प्रभावों व खतरों के बारे में बताएं, बच्चों में किसी प्रकार की हीन भावना उत्पन्न ना होने दें । तत्पश्चात कार्यक्रम के दौरान लोगों को प्रोजेक्टर के माध्यम से नशा करने के कारण होने वाले दुष्परिणामों के बारे में चलचित्र दिखाते हुए नशा न करने की शपथ दिलायी गयी।
कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि अभिभावक बच्चों की दिनचर्या में निम्न प्रकार के लक्षण जैसे देर रात्रि में घर लौटना, क्षणिक उत्तेजना या चिडचिढ़ापन, परिवार के सदस्यों से दूर दूर रहना, नींद न आना, खांसी के दौरे आना, घर पर खाना न खाना, लगातार वजन कम होना, शौचालय में देर तक बैठना, उंगलियों पर जले के निशान बाहों में सुई के निशान होना आदि लक्षण दिखाई दें तो सतर्क हो जाये और उसके व उसके मित्रों के बारे में जानकारी करें, कुछ बच्चे व्यक्ति फैशन के कारण, सामाजिक प्रतिष्ठा की चाह में, मित्रों के साथ मौजमस्ती एवं विवाह उत्सव आदि में नशे का सेवन करते है।
हम सबको पूर्ण नशा मुक्त समाज की स्थापना के लिए अपनी-अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। हम सबका दायित्व है कि सम्पूर्ण मानवता को मद्य एवं मादक पदार्थों से बचाने हेतु अपनी-अपनी भूमिका निभाते हुए स्वयं नशीले पदार्थों का परित्याग कर जन-जन में इसके दुष्परिणामो और भ्रान्तियों की जानकारी को पहुँचायें। साथ ही बताया गया कि किसी के कहने पर नशीली दवाओं को रखने या लाना, लेकर जाना ना करें, यदि किसी व्यक्ति पर नशीला पदार्थ बेंचने या सप्लाई करने का संदेह हो तो पुलिस को सूचना दें।

dainiklalsa
Author: dainiklalsa

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