गूंजी शहनाइयां: जमकर बिके गन्ने , सिंघाड़े
हाथरस/सिकद्राराऊ-12 नवम्बर । आज देव प्रबोधिनी एकादशी का पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया जा रहा है । घर-घर देवों की पूजा अर्चना की गई। पूजा-अर्चना कर देवताओं को शयन से उठाया गया। घर आंगन में उठो देव, जागो देव के आह्वान की गूंज रही। महिलाओ ने उपवास रखकर भगवान विष्णु से सुख-समृद्धि और धन धान्य में वृद्धि की कामना की। मंदिरों को भी भव्यता के साथ सजाया गया । गेरू और खड़िया से रंगोली सजाई गईं और देवताओं की आकृतियां घरों के आंगन व दहलीज पर काढ़ी गईं। पर्व के चलते बाजारों में दिनभर खरीदारी का दौर भी चलता रहा। पूजा के लिए लोगों ने मौसमी फल और सब्जियों के अलावा गन्नों की खरीदारी की।।
देवोत्थान या देव प्रबोधिनी एकादशी के मौके पर देवों को जगाने से पहले गन्ना, सिंघाड़ा और शकरकंद से भोग लगाने की परंपरा है। जिसके चलते लोगो ने जमकर गन्ना, शकरकंद, सिंघाड़े , बेगन आदि की खरीददारी की । पूजा अर्चना के बाद में घर के सभी लोग इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। उपवास रखकर भगवान विष्णु से घर-परिवार में शांति-समृद्धि और मांगलिक कार्यों की कामना करते हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु को निंद्रा से जगाया जाता है। भगवान विष्णु के क्षीरसागर से बाहर आने के बाद जो कोई निष्ठा भाव से उनकी स्तुति करता है, उसके हर तरह के दुख दूर हो जाते हैं। इसके अलावा तुलसी और सालिग्राम का विवाह भी कराया गया।।
देवोत्थान के साथ मांगलिक कार्यों और आयोजनों का क्रम भी शुरू हो गया। देवोत्थान एकादशी की पूजन सामग्री की अधिक खरीदारी की वजह से इस पर महंगाई का असर भी साफ दिखा। अन्य दिनों की अपेक्षा सिंघाड़े के दाम भी उछल गए तो शकरकंद 40 रुपये किलो और गन्ना बीस रुपये प्रति भाव में बिका। फल और सब्जियों के दामों में उछाल हो रहा । जगह जगह शाहनाईयो की गूंज सुनाई देती रही । आज जनपद व कस्बा के सभी गेस्ट हाउस , धर्मशालाएं शादी के लिए बुक हैं। कस्बा से लेकर ग्रामीण अंचल तक शादी समारोह की धूम है । गेस्ट हाउसों को भव्यता के साथ सजाया गया है । सहालग की शुरुआत होते ही आज ट्रेनों व बसों में खासी भीड़ उमड़ी । डग्गेमार वाहनों में सवार होकर लोगो ने यात्रा की । आज पूरे जिले में शादी समारोहों के साथ जमकर शहनाइयां गूंज रही है और लोग शादियों में जश्न मना रहे हैं।