Explore

Search
Close this search box.

Search

December 5, 2024 10:20 pm

लेटेस्ट न्यूज़

जलाए जिसकी राहों में मोहब्बत के दिए मैंने वो मेरा घर जलाना चाहता है – वीरेंद्र जैन नारद

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

नगर में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव का जन्मोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। वहीं बुजुर्गों एवं कवियों की सामाजिक और साहित्यिक संस्था साहित्यानंद ने भी कवि गोष्ठी का आयोजन कर गुरु नानक देव को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पंडित रामनिवास उपाध्याय ने मां सरस्वती के छवि चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करने और नानक देव जी के छवि चित्र पर माल्यार्पण करने के बाद नेहा वार्ष्णेय ने सरस्वती वंदना का सस्वर पाठ किया तत्पश्चात उन्होंने ने सुनाया हादसा तमाम मेरे शहर के नाम हुआ जब से गरीब अमीर का गुलाम हुआ । इसके बाद व्यंग्य कार कवि वीरेंद्र जैन नारद ने सुनाया,- वो मुझको आजमाना चाहता है मुझे अपना बनाना चाहता है जलाए जिसकी राहों में मोहब्बत के दिए मैंने वो मेरा घर जलाना चाहता है अन्य रचना पूरब से पश्चिम को मिलाने तक की जिसमें कुब्बत है मेरे दिल में झांक के देखो अब भी वही मुहब्बत है। कवि रामनिवास उपाध्याय ने सुनाया इक माटी के बंदे कल तक मिलकर रहते आए हिंदू मुस्लिम हो कर इंसां हो गए आज पराए। इसके बाद रविराज सिंह ने सुनाया नियम यह है विधाता का आकर सभी चले जाते मगर कुछ लोग ऐसे हैं जो जाकर भी नहीं जाते इसके बाद हास्य कवि वीरपाल सिंह वीर ने सुनाया भूख गरीबी मारा मार चारों तरफ है हाहाकार अमन चैन खो गया दिलों का नानक दुखिया सब संसार इसके उपरांत एमपी सिंह ने विधवाओं का दुख अपनी कविता में यूं सुनाया विधवा बोलीं परेशान हो हमने कहा बिगारे अभी तो कुछ देखौ ना भारौ ले लये पति हमारे। अमर सिंह बौद्ध ने सुनाया हाथ से हाथ उनसे मिला आए हम सारे शिकवे दिलों के भुला आए हम। इसके बाद संचालन कर रहे कवि मुरारीलाल मधुर ने सुनाया कैसे मैं तुमसे कह दूं मेरे मन में व्यथा नहीं है मुसीबतों से घबरा जाना मेरे कुल की प्रथा नहीं है। इसके बाद अध्यक्षीय उद्बोधन के साथ ही गोष्ठी का समापन हो गया।

sunil sharma
Author: sunil sharma

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर