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September 17, 2024 10:06 pm

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आर्य समाज में देवकीनंदन पुरोहित की पुण्यतिथि पर हुआ कवि सम्मेलन

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हाथरस-6 अगस्त। आर्य समाज मुरसान द्वार के पुरोहित दिनेश अग्रिहोत्री के पिताश्री देवकीनंदन अग्निहोत्री की 42वीं पुण्यतिथि पर आर्य समाज में काव्य गोष्ठी का आयोजन डॉ. लोहिया विचार मंच के जिलाध्यक्ष शिवकुमार समाजवादी की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर कविओं ने कविता के द्वारा देवकीनंदन अग्निहोत्री को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम में कवि रमेश धमाका, गौरीशंकर बघेल, दिनेश चन्द्र आर्य, भगत सिंह कुशवाहा, संजीव सिंघल, बौबी लाला, पप्पू सिंह नागर, गोपाल अग्निहोत्री, किशोरीलाल आर्य, मनोज आर्य आदि मौजूद थे। संचालन रामजी लाल शर्मा शिक्षक ने किया तथा आभार व्यक्त आर्य दिनेश अग्रिहोत्री ने किया।
इस मौके पर बाबा देवी सिंह निडर द्वारा-देवकी नन्दन अग्निहोत्री जहा भी हो स्वीकार कर आपकी ही यादों को अब मैं अमर बनने आये हैं। श्याम बाबू चिंतन ने-देव की नन्दन स्मृति, श्रद्धा भक्ति का काम, दिनेश-सँग सब कीजिये बारम्वार प्रणाम। प्रदीप पंडित ने-देवकी नन्दन को कोटि-कोटि प्रणाम वक्त नहीं नहीं देखता है सुबह है कि शाम। कवि हरिओम शरण पागल ने- देवकीनंदन आपको कर रहे सभी याद, दिनेश को छोड़ गए हो जिस्म से आजाद। हम सभी मिल दें आशीष दिनेश को, पीढ़ी दर पीढ़ी यश वैभव से हो परिवार आबाद।।
अंत में कवि गाफिल स्वामी ने – शब्द सुमन अर्पित तुम्हें नंदन भी मान। पुण्यतिथि पर आपका कवि करें गुणगान। रमेश धमाका को रोक नहीं पाया ज्यों ही आवाज सुनी मैंने, एक स्कूटी से जाती हुई उस लड़की को देखा मैंने। हास्य कवि पंडित हाथरसी ने-बालापन में सब यार होते हैं, जवानी में सब रिश्तेदार होते हैं। यह दुनिया बड़ी विचित्र है। मित्रों बुद्धापें में सब वेकार होते है।

dainiklalsa
Author: dainiklalsa

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