कस्बा में आदर्श श्री रामलीला एवं श्री कृष्ण लीला मंडल द्वारा पवन देव व्यास के निर्देशन में बडे ही उत्सााह एवं धूमधाम से चल रहे श्रीरामलीला महोत्ससव के दौरान प्रतिदिन रात्रि को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की लीलाओं विशाल मंच पर मंचन किया मंचन किया जा रहा है।
बुधवार को श्रीरामलीला मंचन के दौरान जब भगवान श्री राम का राज्याभिषेक की तैयारी चल रही थी तभी माता कैकई कोप भवन में चली गई और वहां विलाप करने लगी। रानी को कहीं भी न पाकर राजा दशरथ जब कोपभवन की ओर गये तो वहां रानी का विलाप देखा और कारण जाना इस पर रानी कैकई ने मंथरा दासी द्वारा दी गई शिक्षा के आधार पर राजा से अपने दो वरदान मांगे जो राजा ने युद्ध भूमि में देने को कहा था। इन वरदानों में रानी ने राजा से श्री राम को चैदह वर्ष का वनवास तथा भरत को राजगद्दी मांगी। यह बात जब भगवान श्रीराम को पता चली तो वह सहर्ष वन जाने के लिए तैयार हो गये। उधर भ्रातृ भक्ति को लेकर भगवान श्री राम की पत्नी माता सीता एवं भैया लक्ष्मण भी तैयार हो गये। राम की वनगमन यात्रा निकाली गई। यह वनगमन यात्रा श्रीरामलीला मैदान से शुरू होकर मोहल्ला विष्णुपुरी, आगरा अलीगढ राजमार्ग, बच्चा पार्क, सेंट्रल बैंक, बस स्टैण्ड, कमला बाजार, शहीद पार्क, गांधी चैक, अयोध्या चैक, ठंडी सडक होते हुए पुनः श्री रामलीला मैदान पहुंचा। जहां अन्य लीलाओं का मंचन किया गया। श्री रामलीला मंचन के दौरान व्यास पवनदेव, आचार्य पं. अशोक कुमार शर्मा, उपाचार्य पं. संजय शर्मा, सहआचार्य पं. शैलेश शर्मा, लीलाधर शर्मा, क्रमल कुमार वाष्र्णेय, पंडित प्रकाश चंद शर्मा, डॉक्टर लोकेश शर्मा, लीलाधर शर्मा, रामनिवास शर्मा, जयप्रकाश महेश्वरी, महिपाल सिंह, सुधीर अग्रवाल, सुनील वार्ष्णेय, प्रदीप गुप्ता, निर्देश वार्ष्णेय, बृजेश कुमार शर्मा, प्रमोद गर्ग, आदि मौजूद थे। सुरक्षा की कमान प्रभारी निरीक्षक श्याम सिंह मयफोर्स के संभाले हुए थे।