करीब दो सप्ताह से अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस अपनी सत्रह सूत्रीय मांगों को लेकर काम बंद हडताल पर हैं। कई बार वार्ता होने के भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला है, इससे आक्रोशित सफाई कर्मचारियों ने नगर पंचायत पर ईओ और चेयरमैन का पुतला भी दहन किया। मगर उनकी मांगे पूरी न होने के कारण वह अनिश्तिकालीन कामबंद हडताल पर हैं जिससे कस्बा में गंदगी ने अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया है।
रविवार को हडताल पर बैठे सफाई कर्मचारियों ने नगर पंचायत अध्यक्ष और ईओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपनी मांगों को पूरा होने तक कामबंद हडताल पर जमे रहने की चेतावनी दी। कर्मचारियो ने बताया कि पुतला दहन के बाद भी नगर पंचायत अध्यक्ष और नगर पंचायत प्रशासन कुंभकरण की नींद सोया हुआ है। सफाई कर्मचारियों ने बताया कि सफाई कर्मचारी कोविड काल में किए गये कार्र का भुगतान मांग रहे हैं, साथ ही उनकी अन्य मांगे भी हैं। जिसे पूरी न होने पर सफाई कर्मचारियों ने काम बंद हडताल कर दी है। कर्मचारियों की कामबंद हडताल से शहर में काफी गंदगी ने अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया है। वहीं नगर पंचायत अधिकारी कुंभकरणीय नींद में सफाई मजूदरों की मांगों को पूरा करने का विचार भी नहीं कर रहे है। जिससे सफाई मजदूरों में भारी आक्रोश है। उधर सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से कस्बे की सफाई व्यवस्था चैपट हो गई। कस्बे के बाजारों और चैराहों पर गंदगी के जगह-जगह ढेर लग गए। अपना आक्रोश जताते हुए सफाई मजदूरों ने बताया कि उनकी सत्रह सूत्रीय न्यायोचित मांगे हैं जिन्हें पूरा नहीं किया जा रहा है। इसे लेकर उन्होनें नगर पंचायत के सामने ईओ और चेरमैन का पुतला दहन भी किया। मगर कोई सुनवाई नहीं हुई है। जिससे उनकी अनिश्चितकालीन कामबंद हडताल जारी रहेगी। इस दौरान प्रदीप बाल्मीक, अशोक चैहान, हरीशंकर, राजेश कुमार, निक्की, नीलम, गीता, रामवीर, आकाश, सोनू, पवन, वीरीसिंह, अनिल, कविता, पूजा, रजनी, कौशल, प्रमोद, दीपक, कुलदीप, सुरजीत, दयाचंद, नीरू, सूरजमुखी, शारदा, मंजू, आदि तमाम सफाई कर्मचारी आंदोलन में शामिल हैं।